Apni olad ka nikah jaldi karen|अपनी ओलाद का निकाह जल्दी करें

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Nikah

निकाह आसान है 

एक मजलिस में दो गवाहों कि मौजूदगी में मर्द व औरत कि जानिब से इस तरह इजाब व काबुल पा लिया जाए कि दोनों गवाह सुन लें निकाह होगया। शरीयत ने निकाह इतना आसान रखा है। माहौल ने रस व रिवाज, ताफखुर, लोग किया कहेगें की फिकर ने उसे मुश्किल बना दिया। जब है मुश्किल तो मआज़ अल्लाह जीना करी आम। अब तो अल्लाह की पनाह एर्तिदाद (काफ़िर होने) का सैलाब बढ़ता जा रहा है खुसुसान हमारी इस्लामी बहनें कुफ्फार के साथ भाग रही है जिन को वालीदैन ने दुनियावी तालीम में लगाया और आखें बंद कर लीं। 

इस का ज़िम्मेदार कौन?  आप ये ने सोचें कि हमारा खर बहुत महफूज़ है। खुदा के वास्ते जल्द निकाह करें।

अपनी ओलाद के निकाह में जल्दी करें 

हालात बहुत ज़्यादा पुर फितान हैं आप के ज़माने में इतनी फुहाशी नहीं थी आप ने और मोबाईल का ज़माना हैं हर तरफ फितना ही जितना। रसम व रिवाज के चक्कर में आकर अगर आप तारीख करते हैं और आप कि ओलाद गुनाहों में पड़ती है तो यकीन जाने कियामत के दिन आप से जवाब नहीं बन पड़े गा। और ये ही रस व रिवाज आप को ले डूबे गा।

 वालीदैन अपनी ज़िम्मेदारी समझें 

 आप। का बेटा अभी पढ़ रहा है लेकिन उस कि उमर निकाह वाली होगाई है आप रिश्ता तलाश करें आप पूरी ज़िन्दगी अपने बेटे को खिलाते रहे अब उस कि शादी भी कर दें रुखसती भी करा लें चांद साल अपनी बहू के नान व नफकह कि ज़िम्मेदारी यही सोच कर लेलें कि अल्लाह ने इस उमर एक ओर बेटी से नवाजा है आप के नसीब का रिज्क आप को मिल कर है रहेगा और साथ ही इस अज़ीम नेकी कि बरकत भी जाहिर होगी खुदा करे वालिदैन , बढ़े भाई या दीगर खर के ज़िम्मेदार इस बात को समझें

Writer: मुफ्ती वसीम अकरम राज़वी मिस्बाही